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सुकुन,मेरा मेरे अपने अल्फ़ाज़

कुछ सास भारी लगती है तू जो दिखता नहीं है कुछ सुकुन की कमी लगती है

Kuch saas bhaari lagti hai tu jo dikhta nahi hai kuch sukun ki kami lagti hai

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उम्मीद इतनी करो , मेरे अपने अल्फ़ाज़

 उम्मीद इतनी करो खुद से किसी का दिया हुआ धोखा भी तुम्हें तोड़ ना पाये  ऐसे चलो राह पर कोई काटा भी चुभे तुम्हें रोकना पाये Umeed itni karo khud se kisi ka Diya hua Dhokha bhi tumhen Tod Na paye Aise chalo Raha per koi Kata bhi chubhe tumhen rok Na paye

वैल्यू उनकी करो

              वैल्यू उनकी करो             जो तुम्हारी प्रवाह करते हैं        उनकी नहीं जो तुम्हें इग्नोर करते हैं

# बेबस मोहब्बत

हमेशा उस इंसान को तकलीफ क्यों मिलती है जो इमानदारी से रिश्ता निभाता है क्यों उसे ही जिल्लत मिलती है जो रिशतो को निभाता है