प्रस्तुतकर्ता
rubina khan
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कुछ नहीं था वो फिर भी अपनेपन का एहसास दे गया इन लबों पे एक मुस्कान दे गया
दो पल का साथ था पर एक खूबसूरत सी याद दे गया
Kuchh nahin tha vah fir bhi apnepan ka ehsas De Gaya ine labon pay ek muskan De Gaya
Do pal ka sath tha per ek khubsurat Si yad De Gaya
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