अकेलापन,मेरे अपने अल्फ़ाज़ प्रस्तुतकर्ता rubina khan लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप कुछ एसे मुस्कुरा रहे हैं हम जेसे कोई गम है ही नहीं अंदर से अकेलापन है ओर महफिल में बैठे हैं हम 💔