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वो दिल में, मेरे अपने अल्फ़ाज़

 

 वो दिल में दर्द बन के बस चुका है महफ़िल कितनी भी हो वो मुझे अकेला कर चूका है  

Woh Dil mein dard ban ke bas Chuka hai

Mehfil kitni bhi woh mujhe Akela kar chuka hai 




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