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वो दिल में, मेरे अपने अल्फ़ाज़

 

 वो दिल में दर्द बन के बस चुका है महफ़िल कितनी भी हो वो मुझे अकेला कर चूका है  

Woh Dil mein dard ban ke bas Chuka hai

Mehfil kitni bhi woh mujhe Akela kar chuka hai 




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उम्मीद इतनी करो , मेरे अपने अल्फ़ाज़

 उम्मीद इतनी करो खुद से किसी का दिया हुआ धोखा भी तुम्हें तोड़ ना पाये  ऐसे चलो राह पर कोई काटा भी चुभे तुम्हें रोकना पाये Umeed itni karo khud se kisi ka Diya hua Dhokha bhi tumhen Tod Na paye Aise chalo Raha per koi Kata bhi chubhe tumhen rok Na paye

वैल्यू उनकी करो

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# बेबस मोहब्बत

हमेशा उस इंसान को तकलीफ क्यों मिलती है जो इमानदारी से रिश्ता निभाता है क्यों उसे ही जिल्लत मिलती है जो रिशतो को निभाता है