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खाली दिल था , मेरे अपने अल्फ़ाज़

एक खाली दिल था मेरा  जिसे भी रखा चोट का निसान दे गया Ek Khali Dil tha Mera jise bhi Rakha chot ka Nishan de Gaye

दूर होकर, मेरे अपने अल्फ़ाज़

 दूर होकर मुझे बदनाम करें तो कोई गम नहीं पर पास हो कर तू जो खंजर खोपे मौत से कम नहीं Door door hokar mujhe Badnaam kare to koi gam nahin per pass hokar tu Jo khanjar ghope maut se Kam nahin 

वो दिल में, मेरे अपने अल्फ़ाज़

   वो दिल में दर्द बन के बस चुका है महफ़िल कितनी भी हो वो मुझे अकेला कर चूका है   Woh Dil mein dard ban ke bas Chuka hai Mehfil kitni bhi woh mujhe Akela kar chuka hai